गर्भवती स्त्री के लिए उपयोगी टिप्स
पहले मास से आठवें मास तक की सुरक्षा
पहले मास से आठवें मास तक की सुरक्षा
हर गर्भवती महिला को अपने गर्भ की रक्षा स्वयं करना चाहिए, न कि खतरा महसूस होने पर। यदि आपका गर्भ सुरक्षित है, तब भी आप यहाँ दिए गए प्रयोग कर लाभ उठा सकती हैं।
- प्रथम मास में गर्भिणी स्त्री को मिश्री मिला दूध दोनों समय अवश्य पीना चाहिए।
- दूसरे मास में शतावरी का चूर्ण 10 ग्राम मात्रा में फाँककर ऊपर से कुनकुना गर्म मीठा दूध पीना चाहिए।
- तीसरे मास में दूध ठंडा कर 1 चम्मच घी तथा तीन चम्मच शहद डालकर पीना चाहिए। यह उपाय आठवें माह तक करें। घी व शहद समान मात्रा में लिया जाए तो जहर का काम करते हैं।
- पूरे चौथे मास में दूध में मक्खन मिलाकर सेवन करें।
- पाँचवें मास में फिर दूध में घी लिया करें।
- छठे तथा सातवें मास में फिर शतावरी चूर्ण डालकर दूध का सेवन करें।
- आठवें मास में दलिया बनाकर, दूध डालकर सेवन करना चाहिए। ।
- तीसरे मास से लेकर आठवें मास तक दोनों समय एक बड़ा चम्मच सोमघृत दूध में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
गर्भपात : गर्भवती के सातवें और आठवें माह में गर्भपात की आशंका हो या लक्षण दिखाई पड़ें तो लोध्र और पीपल का महीन पिसा चूर्ण 1-1 ग्राम मिलाकर शहद के साथ चाटने पर लाभ होता है।
चेतावनी : हर गर्भवती स्त्री की शारीरिक स्थिति भिन्न होती है अत: टिप्स आजमाने से पूर्व निजी चिकित्सक का परामर्श आवश्यक है।
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